आसमान पर पहुंचे गेहूं के दाम, आटा खरीदना भी हुआ महंगा, जानें गुजरात समेत राज्यों में गेहूं के भाव

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पिछले साल गेहूं के कम उत्पादन और रूस-यूक्रेन की वजह से मांग बढ़ने से देश में गेहूं की कीमत में तेजी जारी है। साल भर में गेहूं की कीमत में 16 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और अब देश के कुछ राज्यों में गेहूं की कीमत 3000 रुपये प्रति क्विंटल को पार कर गई है। वहीं दूसरी ओर पूर्वी भारत के एपीएमसी में गेहूं का स्टॉक काफी कम है। देशभर में गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से ऊपर बिक रहा है। गेहूं की कीमतों में आई तेजी के कारण गेहूं के आटे की कीमत में भी तेजी देखने को मिल रही है। पिछले एक साल में आटे की कीमत में 19 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है और यह 35 से 40 रुपये किलो बिक रहा है।

कुछ राज्यों में गेहूं की कीमत प्रति क्विंटल 3000 रुपये से अधिक है
दिल्ली में प्रति क्विंटल गेहूं का भाव 3,044.50 रुपये पर पहुंच गया है। तो उत्तर प्रदेश में गेहूं की कीमत 3000 प्रति क्विंटल के पार पहुंच गई है। गेहूं की आपूर्ति घटने की वजह से कीमतों में वृद्धि जारी है। सरकार द्वारा ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस) के तहत कीमत स्पष्ट नहीं होने के बावजूद गेहूं की कीमतें बढ़ रही हैं। उल्लेखनीय है कि 2023 में प्रति क्विंटल गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,125 रुपये है। एपीएमसी में 16 जनवरी 2023 को गेहूं के भाव पर नजर डालें तो इंदौर में गेहूं के भाव 2800 रुपये प्रति क्विंटल, कानपुर एपीएमसी में 3000 रुपये प्रति क्विंटल, दिल्ली एपीएमसी में 3044.50 रुपये प्रति क्विंटल और 2,687.50 रुपये प्रति क्विंटल है।

क्यों महंगा हो रहा है गेहूं?
गेहूं की बढ़ती कीमतों को लेकर जानकारों का कहना है कि खुले बाजार से गेहूं की आपूर्ति नहीं की जा रही है। पूर्वी भारत के एपीएमसी में गेहूं की कमी है। उत्तर प्रदेश के एपीएमसी में भी स्टॉक काफी कम है। उत्तर प्रदेश के एपीएमसी में गुजरात से गेहूं आ रहा है। हरियाणा और पंजाब में थोक विक्रेताओं और किसानों के पास भी गेहूं का स्टॉक कम है। ऐसे में आपूर्ति कम होने से मांग बढ़ने से गेहूं की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है। अब आटा मिलों को भी गेहूं मिलने में परेशानी हो रही है।


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