2020 से 2022 तक पिछले दो वित्तीय वर्षों में, भारत के विमानन क्षेत्र में 24,000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के मुताबिक, उद्योग को वित्त वर्ष 2020-21 में 12,479 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2021-22 में 11,658 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
मंत्रालय ने गुरुवार को लोकसभा में जवाब देते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने विमानन क्षेत्र को समर्थन देने के लिए कई पहल की हैं। सरकार भी कई तरह की सहायता प्रदान करने के लिए योजनाएं तैयार कर रही है।
केंद्र सरकार ने विमानन क्षेत्र के लिए एक आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना को भी मंजूरी दी है। राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को विमानन टरबाइन ईंधन पर मूल्य वर्धित कर को कम करने की सलाह दी गई। परिणामस्वरूप 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा एटीएफ पर वैट कम कर दिया गया है। इसके अलावा, घरेलू रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) सेवाओं के लिए माल और सेवा कर की दर को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।
मंत्रालय ने आगे कहा कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और अन्य हवाईअड्डा डेवलपर्स ने लगभग रुपये का निवेश किया है। 98,000 करोड़ पूंजीगत व्यय लक्ष्य।