समाजवादी पार्टी के एम एल सी स्वामी प्रसाद मौर्या के समर्थन में अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में पीजीआई के वृंदावन कालोनी में रविवार को कथित तौर पर ‘महिलाओं और दलितों के लिए आपत्तिजनक दोहों वाले श्रीरामचरितमानस के ‘पन्ने’ की प्रतियां जलाई। उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्या के समर्थन में नारेबाजी भी करी।
महासभा के पदाधिकारी देवेंद्र प्रताप यादव का इस बार में कहना है, ”जैसा कि मीडिया के एक वर्ग में बताया गया है कि हमने रामचरितमानस की प्रतियां जलाई थीं, यह कहना गलत है। रामचरितमानस की आपत्तिजनक टिप्पणियों की फोटोकॉपी, जो ‘शूद्रों’ और महिलाओं के खिलाफ थीं, और फोटोकॉपी पेज को सांकेतिक विरोध के रूप में जलाया गया।” पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर की ऐसा विरोध प्रदर्शन करने के लिए उन्हें किसने प्रेरित किया यादव का जवाब था की “स्वामी प्रसाद मौर्य ने पहले ही मांग की थी कि रामचरितमानस में उल्लिखित आपत्तिजनक टिप्पणियों को हटा दिया जाना चाहिए या उन पर प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए। सरकार ने इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाया। इस पर स्वामी प्रसाद मौर्य को हमने समर्थन दिया है और अखिल भारतीय ओबीसी महासभा उनके साथ खड़ी है।”
श्री रामचरितमानस के पन्नो की प्रतिया जलाए जाने के विषय पर ट्वीट करते हुए उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य कहते हैं “मानसिक रूप से विक्षिप्त हो चुकी है समाजवादी पार्टी ने अपना हिंदू विरोधी चरित्र उजागर कर दिया है,श्रीरामचरितमानस मानस को अपमानित करने वाले को सपा बहादुर श्री अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय महासचिव बनाकर खुद सपा के ताबूत में आख़िरी कील ठोक दी है। “विनाशक काले विपरीत बुद्धि”